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जनवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों

यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों, रहना जरा संभाल के.. यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों, रहना जरा संभाल के..सच बिकता है झूठ बिकता है, बिकती है हर कहानी, तीन लोक में फैला है फिर भी बिकता है बोतल में पानी.. . यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों, रहना जरा संभाल के.. बेचने वाले हवा भी बेच देते है, गुब्बारों में डाल के... 

बापू

बापू संसार पूजता जिन्हें तिलक, रोली, फूलों के हारों से, मैं उन्हें पूजता आया हूँ बापू ! अब तक अंगारों से। अंगार, विभूषण यह उनका विद्युत पीकर जो आते हैं, ऊँघती शिखाओं की लौ में चेतना नयी भर जाते हैं। उनका किरीट, जो कुहा-भंग करके प्रचण्ड हुंकारों से, रोशनी छिटकती है जग में जिनके शोणित की धारों से। झेलते वह्नि के वारों को जो तेजस्वी बन वह्नि प्रखर, सहते ही नहीं, दिया करते विष का प्रचण्ड विष से उत्तर। अंगार हार उनका, जिनकी सुन हाँक समय रुक जाता है, आदेश जिधर का देते हैं, इतिहास उधर झुक जाता है।

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है मन का विश्वास रगों में साहस भरता है चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

साथी घर जाकर मत कहना,संकेतों में बतला देना

साथी घर जाकर मत कहना,संकेतों में बतला देना यु द्ध में जख्मी सैनिक साथी से कहता है: ‘साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना; यदि हाल मेरी माता पूछे तो, जलता दीप बुझा देना! इतने पर भी न समझे तो, दो आंसू तुम छलका देना!! यदि हाल मेरी बहना पूछे तो, सूनी कलाई दिखला देना! इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ दिखा देना !! यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो, मस्तक तुम झुका लेना! इतने पर भी न समझे तो, मांग का सिन्दूर मिटा देना!! यदि हाल मेरे पापा पूछे तो, हाथों को सहला देना! इतने पर भी न समझे तो, लाठी तोड़ दिखा देना!! यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो, सर उसका सहला देना! इतने पर भी ना समझे तो, सीने से उसको लगा लेना!! यदि हाल मेरा भाई पूछे तो, खाली राह दिखा देना! इतने पर भी ना समझे तो, सैनिक धर्म बता देना!!