सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं
Today our country is celebrating the birth day of gāĕdhī. It is the same as our enemy country is supporting Pakistan. In International Level China is an anti-India country which makes india cheating again. It is from the biggest Indian market, let us say that we will not say any object in China and will say to his friends. Recently, we have to be made of dust and made no one in China, crackers, not īlēkṭrānika light. If you do so, there will be a fitting cāṭā on China's cheek.
Thank you brothers. . Bharat mata ki jai.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

साथी घर जाकर मत कहना,संकेतों में बतला देना

साथी घर जाकर मत कहना,संकेतों में बतला देना यु द्ध में जख्मी सैनिक साथी से कहता है: ‘साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना; यदि हाल मेरी माता पूछे तो, जलता दीप बुझा देना! इतने पर भी न समझे तो, दो आंसू तुम छलका देना!! यदि हाल मेरी बहना पूछे तो, सूनी कलाई दिखला देना! इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ दिखा देना !! यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो, मस्तक तुम झुका लेना! इतने पर भी न समझे तो, मांग का सिन्दूर मिटा देना!! यदि हाल मेरे पापा पूछे तो, हाथों को सहला देना! इतने पर भी न समझे तो, लाठी तोड़ दिखा देना!! यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो, सर उसका सहला देना! इतने पर भी ना समझे तो, सीने से उसको लगा लेना!! यदि हाल मेरा भाई पूछे तो, खाली राह दिखा देना! इतने पर भी ना समझे तो, सैनिक धर्म बता देना!!

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है मन का विश्वास रगों में साहस भरता है चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

6 दिसम्बर- राष्ट्रीय कलंक बाबरी मस्जिद विध्वंस दिवस- हिन्दू शौर्य दिवस

भारत में विधर्मी आक्रमणकारियों ने बड़ी संख्या में हिन्दू मन्दिरों का विध्वंस किया। स्वतन्त्रता के बाद सरकार ने मुस्लिम वोटों के लालच में ऐसी मस्जिदों, मजारों आदि को बना रहने दिया। इनमें से श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर (अयोध्या), श्रीकृष्ण जन्मभूमि (मथुरा) और काशी विश्वनाथ मन्दिर के सीने पर बनी मस्जिदें सदा से हिन्दुओं को उद्वेलित करती रही हैं। इनमें से श्रीराम मन्दिर के लिए विश्व हिन्दू परिषद् ने देशव्यापी आन्दोलन किया, जिससे 6 दिसम्बर, 1992 को वह बाबरी ढाँचा धराशायी हो गया।श्रीराम मन्दिर को बाबर के आदेश से उसके सेनापति मीर बाकी ने 1528 ई. में गिराकर वहाँ एक मस्जिद बना दी। इसके बाद से हिन्दू समाज एक दिन भी चुप नहीं बैठा। वह लगातार इस स्थान को पाने के लिए संघर्ष करता रहा।  23 दिसम्बर, 1949 को हिन्दुओं ने वहाँ रामलला की मूर्ति स्थापित कर पूजन एवं अखण्ड कीर्तन शुरू कर दिया। 'विश्व हिन्दू परिषद्' द्वारा इस विषय को अपने हाथ में लेने से पूर्व तक 76 हमले हिन्दुओं ने किये; जिसमें देश के हर भाग से तीन लाख से अधिक नर नारियों का बलिदान हुआ; पर पूर्ण सफलता उन्हें कभी नहीं मिल पायी। विश्व ह...